दिव्यांशी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की खबर मिलते ही परिवार, रिश्तेदारों और नगरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। घर पर मिठाई बांटी गई और आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। माता-पिता की आंखों में गर्व और भावुकता दोनों झलक रही थीं।
नरेंद्र अग्रवाल, जो एक सामान्य किराना दुकान संचालित करते हैं, ने कहा, “हमारी बेटी ने जो कर दिखाया है, वो सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। उसकी मेहनत और संकल्प ने हमारे सपनों को हकीकत में बदला है।”
दिव्यांशी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद, शिक्षकों के मार्गदर्शन और स्वयं की निरंतर मेहनत को दिया। उन्होंने कहा, “अगर आप सच्चे मन से कोशिश करें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।”
दिव्यांशी की यह सफलता ग्वालियर, डबरा और भितरवार क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। आज यह बिटिया भी बन गई है क्षेत्र की शान।