प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण कानूनी अपराध है, जिले में प्रभावी नागरानी होनी चाहिए - कलेक्टर

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पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक में हुई चर्चा


शिवपुरी/  प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण कानूनी अपराध है। इस पर अंकुश लगाने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट लागू किया गया है। जिले में भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने और लिंगानुपात में सुधार करने के लिए सभी के प्रयास जरूरी हैं और जिले में इस पर प्रभावी निगरानी होना चाहिए। 

गत दिवस जिला स्तरीय पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत गठित सलाहकार समिति की बैठक में कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने यह निर्देश दिए हैं। कलेक्टर चौधरी ने कहा है कि हमें जिले में लिंगानुपात में सुधार करने के लिए प्रयास करना होगा। टीम बनाकर प्रभावी निगरानी की जरूरत है। इसमें सोनोग्राफी सेंटर्स पर मशीनों में ट्रैकर लगाए जाएं। 

इसके अलावा प्रतिमाह मॉनिटरिंग की जाए। जिसमें विकासखंड स्तर पर और जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकृत और प्रसव की जानकारी के आधार पर विश्लेषण किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र पर भी गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड संरक्षित किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय से गर्भवती महिलाओं की जानकारी ली जाए। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय ऋषिश्वर ने बताया कि प्रत्येक माह की 9 एवं 25 तारीख को जिला चिकित्सालय शिवपुरी और समस्त विकासखंड स्तर पर आने वाली प्रसुताओं की शासकीय व्यय पर निशुल्क सोनोग्राफी की व्यवस्था की गई है, जिसमें निजी सोनोग्राफी सेंटरों पर सोनोग्राफी की जाती है जिसके लिए प्रसुताओं को भुगतान नहीं करना होता।

बैठक में जिला अभियोजन अधिकारी, वरिष्ठ स्त्री रोग चिकित्सक सहित आलोक एम इंदौरिया, अधिवक्ता संजीव विलगैया, समीर गांधी रमेश अग्रवाल और संदीप महेश्वरी सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।

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