पुलिस अधीक्षक अमीन सिंह राठौर के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि देहात थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नेश सिंह यादव को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इंडस्ट्रियल एरिया में वेयरहाउस के सामने एक संदिग्ध व्यक्ति मादक पदार्थ बेचने की फिराक में खड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने बिना देर किए मौके पर दबिश दी और राजस्थान के झालावाड़ जिले के रहने वाले 40 वर्षीय रंगलाल पुत्र कवरलाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से उच्च गुणवत्ता वाली स्मैक बरामद हुई, जिसकी बाजार में कीमत लगभग ₹50 लाख आंकी गई है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21 के तहत मामला दर्ज कर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपी 'नशे का रंगलाल' पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहा है। उसके आपराधिक इतिहास को खंगालने पर पता चला कि वर्ष 2009-10 में वह नीमच जिले में साढ़े तीन क्विंटल डोडा चूरा और वर्ष 2024 में झालावाड़ कोतवाली में 1.300 किलोग्राम डोडा चूरा के साथ पकड़ा जा चुका है। पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि इस बार वह इतनी बड़ी मात्रा में स्मैक कहां से लाया था और शिवपुरी में किसे बेचने की योजना बना रहा था।
यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले कोतवाली पुलिस ने भी तीन दिन पूर्व गुना जिले के एक आरोपी को 102 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। इस प्रकार, महज तीन दिनों के भीतर शिवपुरी पुलिस ने कुल 300 ग्राम से अधिक स्मैक जब्त कर नशे के कारोबारियों को एक कड़ा संदेश दिया है।
जिले में नशे के बढ़ते जाल और युवाओं के इसके चंगुल में फंसने की घटनाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। थाना प्रभारियों की तत्परता और सक्रियता के चलते लगातार सफलताएं मिल रही हैं, जिससे आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और सकारात्मक छवि मजबूत हुई है।
देहात थाना क्षेत्र में हुई यह ताजा कार्रवाई पुलिस की सजगता और प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है। हालांकि, पुलिस का मानना है कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई अकेले उनके बलबूते पर नहीं जीती जा सकती। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर नशाखोरी के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी और युवाओं को सही मार्गदर्शन देना होगा। परिवारों, शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि युवा पीढ़ी को नशे के दलदल से बचाया जा सके और उन्हें एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य प्रदान किया जा सके। पुलिस का यह दृढ़ संकल्प है कि वह नशे के कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी।