रानी आदिवासी ने अपने आवेदन में बताया कि वह मूल रूप से भोपाल के नारियल खेड़ा की निवासी हैं। उनके पहले पति मंजीत पंजाबी ने उन्हें छोड़ दिया था, जिसके बाद वह शिवपुरी आ गईं। यहां वह कचरा बीनने का काम करने लगीं और बाद में लखन कुचवंदिया के साथ रहने लगीं। लेकिन लखन शराब के नशे में आए दिन उनके साथ और उनके बेटे जस्सी के साथ मारपीट करता था।
रानी ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले, 4 अक्टूबर 2022 की रात लखन ने उनके बेटे जस्सी को बेरहमी से पीटा और उसे बक्से में बंद कर दिया था। उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की, और लखन को जेल भेज दिया था। यहां उसे सजा हो गई। लेकिन अब तक उनके बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया है। रानी आदिवासी का कहना हैं कि नगर पालिका से उसके बेटे का मृत्युप्रमाण अब तक बनाकर नहीं दिया हैं। जिससे वह सहायता के लिए आगे की कानूनी प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रही हैं।