कविता ... जब हम आस पास महसूस करते है तो उसे कविता का रूप दे देते है
देखते तो सभी है पर शब्दों में उतारना बड़ी बात है
मन में उमंग, आंखों में सपने लिए, स्कूल चले नन्हे कदम, क्या माता-पिता होना है किसी वरदान से कम ?
कुछ बातें आप भी समझिए दतिया पुलिस है इनकी सुरक्षा में मगर थोड़ी सतर्कता आप भी बरतिये वाहन में कैसे जाते हैं स्कूल, कैसे वापस आते हैं थोड़ी नजर आप भी रखिए।
अपने बच्चों को बिठाइए पलकों पर ना कि ऑटो की डिक्की में या ड्रायवर की सीट पर। सुरक्षित माहौल में दतिया के बच्चे करें नाम रोशन, दतिया पुलिस आपके साथ हर कदम हर दम।
बहुत लंबा दौड़ेंगे, ऊँची छलांगें लगायेंगे ये नन्हे कदम बनिए दोस्त इनके कीजिए बातें इनसे, बहुत निश्छल और कोमल होता है इनका मन दतिया पुलिस आपके साथ हर कदम हर दम।
गुड टच, बैड टच भी सिखाइए नजदीक ना आ सके कोई दानव इनके, ना हो कोई अनहोनी, महफूज रहें ये हरदम दतिया पुलिस आपके साथ हर कदम हर दम।
शिवपुरी से युसूफ खान की रिपोर्ट