कलेक्टर ने कहा ज्ञापन में उठाए सभी मुद्दों पर गहनता से विचारकर काम करेंगे
सुनाज में तीन दिन के अंदर पहुंचेगा जांच दल , तो राशन माफिया पर होगी कड़ी कार्यवाही
शिवपुरी । सहरिया क्रांति के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को शिवपुरी में एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली का उद्देश्य सहरिया आदिवासी समाज की प्रमुख समस्याओं को राज्य सरकार के ध्यान में लाना था। रैली के बाद, सहरिया क्रांति के सदस्यों ने जिला कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें समाज की तत्कालीन समस्याओं का समाधान शीघ्र किए जाने की मांग की गई। रैली में सैकड़ों आदिवासी समुदाय के लोग सिर पर लाल पट्टी बांधकर, प्रमुख मार्गों से होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। रैली के दौरान "भ्रष्टाचार बंद करो" और "सहरिया समाज के हक की रक्षा करो" जैसे नारे लगाए गए।
जिला कलेक्टर कार्यालय पर सहरिया क्रांति सदस्यों के बीच आए कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी ने सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन की बातों को सार्वजनिक रूप से सुना । उन्होने राशन माफिया सहित भ्रष्ट सरकारी अमले पर कार्यवाही का आश्वाशन दिया साथ ही उन्होने आदिवासी युवाओं से आव्हान किया कि आप सब सरकारी योजनाओं मे आ रही दिक्कतों से तत्काल अवगत कराएं । सुनाज में पंचायत मे हुये कलेक्टर के आश्वाशन के बाद भ्रष्टाचार की जआएनसीएच को तीन दिन के अंदर जांच की बात कही ।
ज्ञापन में सहरिया क्रांति अध्यक्ष औतार भाई सहरिया ,रामस्वरुप आदिवासी , नंदा आदिवासी , मोहर सिंह आदिवासी , नीलेश आदिवासी , शिशुपाल आदिवासी , स्वदेश आदिवासी , संजु आदिवासी ,दिलीप आदिवासी , कल्याण आदिवासी , काडू आदिवासी , लखन आदिवासी , महेंद्र आदिवासी ने आदिवासी समाज की समस्याओं की सूची प्रस्तुत की , जिनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे हैं— राशन माफिया पर कड़ी कार्रवाई, विक्रय से वर्जित भूमि की सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा, भूदान घोटाले की जांच, वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार, और नगरीय इलाकों में कुटीर आवास स्वीकृति, सुनाज के सचिव के विरुद्ध 15 दिन में जांच कर कार्यवाही की बात कही गई थी मगर आज 1 माह बाद भी जांच तक शुरू नहीं हुई है ।
ये मुद्दे भी रहे शामिल
राशन माफिया पर कड़ी कार्रवाई:
ज्ञापन में राशन माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है, जो आदिवासी इलाकों में राशन वितरण की प्रक्रिया को भ्रष्ट कर रहे हैं। सहरिया क्रांति ने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्रों में राशन माफिया गरीब लोगों का हक छीन रहे हैं। उन्होंने संतोष तायल और अभिषेक गोयल जैसे लोगों पर आरोप लगाया, जिनके गोदामों से पीडीएस का राशन पकड़ा गया था, लेकिन उन पर कोई ठोस कानूनी कदम नहीं उठाए गए। सहरिया क्रांति ने मांग की कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
विक्रय से वर्जित भूमि की सुरक्षा:
आदिवासी समुदाय की भूमि की सुरक्षा भी ज्ञापन का अहम हिस्सा थी। सहरिया क्रांति ने आरोप लगाया कि आदिवासियों के लिए आरक्षित विक्रय वर्जित भूमि को अवैध रूप से बेचा जा रहा है। ज्ञापन में मांग की गई कि इस भूमि की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और पूर्व में दी गई विक्रय अनुमतियों को निरस्त किया जाए। साथ ही, इस भूमि का उपयोग केवल आदिवासी हितों के लिए किया जाए।
सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा:
आदिवासी समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्राथमिकता दी जाने की भी मांग की गई। सहरिया क्रांति ने कहा कि सरकार को आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए विशेष योजनाएं लागू करनी चाहिए और इन योजनाओं का सही तरीके से पालन करवाना चाहिए।
प्रशासनिक सहयोग और पारदर्शिता:
ज्ञापन में प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। सहरिया क्रांति ने कहा कि आदिवासी समाज का शोषण रोकने के लिए प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
भूदान घोटाले की जांच:
ज्ञापन में भूदान भूमि पर अवैध कब्जे और कॉलोनियों की जांच की भी मांग की गई। सहरिया क्रांति ने आरोप लगाया कि भूदान भूमि पर धन्ना सेठों द्वारा अवैध कब्जे किए जा रहे हैं और इस मामले में भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर भी किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इन कब्जों को अवैध घोषित किया जाए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
नगरीय इलाकों में कुटीर आवास स्वीकृतियां:
सहरिया क्रांति ने शहरी क्षेत्रों में निवासरत आदिवासियों को जनमन आवास योजना के तहत कुटीर आवास स्वीकृत करने की भी मांग की
वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार:
आदिवासियों की वन भूमि पर कब्जे और वन विभाग के भ्रष्टाचार के मामले में भी ज्ञापन में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। सहरिया क्रांति ने कहा कि वन विभाग द्वारा आदिवासियों की भूमि पर बाउंड्री बनाई जा रही है, लेकिन दबंगों द्वारा कब्जा की गई भूमि पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर वर्षों से खेती कर रहे आदिवासियों को परेशान करना बंद किया जाए और उन्हें वनाधिकार पट्टे दिए जाएं।
सहरिया क्रांति की यह पहल आदिवासी समाज की समस्याओं को उजागर करने और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। रैली और ज्ञापन के माध्यम से सहरिया क्रांति ने यह स्पष्ट किया कि वे आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं और सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।
सहरिया क्रांति का मानना है कि इन समस्याओं का समाधान केवल सरकारी अधिकारियों की सक्रियता और पारदर्शिता से ही संभव है, और यदि शीघ्र समाधान नहीं होता है, तो वे आगे और कठोर कदम उठाने पर विचार करेंगे। इस रैली ने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए एक मजबूत आवाज उठाई और यह संदेश दिया कि सहरिया क्रांति हर हालत में अपने समाज के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेगी। जिला कलेक्टर के आश्वाशन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। इस आंदोलन में भाजपा विधायक महेंद्र यादव , पूरव मंत्री सुरेश रांठखेड़ा , कॉंग्रेस अध्यक्ष विजय चौहान ने भी पहुँचकर आदिवासियों का सहयोग करने की बात कही है । वहीं सहरिया क्रांति कार्यकर्ताओं ने त्वरित कार्यवाही न होने पर 2 दिवसीय शिवपुरी बंद करने की चेतावनी दी ।
शिवपुरी से युसूफ खान की रिपोर्ट