शोषित पीढ़ित मानवता की रक्षा को अब कलम से लेकर सड़क तक आंदोलन जरूरी – संजय बेचैन

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शिवपुरी में पत्रकारिता पर विचार गोष्ठी और नववर्ष मिलन समारोह का आयोजन

शिवपुरी | जिले के समस्त पत्रकारों का नववर्ष मिलन समारोह एवं विचार गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ क्रांतिकारी पत्रकार संजय बेचैन के निवास पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के प्रमुख पत्रकार, संपादक और संवाददाता उपस्थित हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा पर चर्चा करना था और नववर्ष में एकता के सूत्र में बंधने का संकल्प लिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 2 बजे सरस्वती माँ की वंदना से हुई। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार संजय बेचैन ने पत्रकारों को आगाह करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में अब फिर पत्रकार के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। "आज मुंह फैलाए बैठे माफिया राज गरीबों को रौंद ही रहे हैं, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को भी नष्ट कर अपना गुंडाराज कायम कर रहे हैं। पत्रकारों को अब अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वहन करना होगा। नेताओं और अफसरों के गलत कृत्यों को उजागर कर समाज की रक्षा करनी होगी। शोषित पीड़ित मानवता के लिए कलम से लेकर सड़क तक आंदोलन करना समय की जरूरत है," उन्होंने कहा।

इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा, "पत्रकारिता आज एक गंभीर मोड़ पर खड़ी है। सत्य और निष्पक्षता की राह में कई चुनौतियां हैं, और इनका सामना हमें एकजुट होकर करना होगा।" उन्होंने पत्रकारों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने और समाज को सच्चाई से अवगत कराने का आह्वान किया।

मुकेश जैन ने पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और उसमें तकनीकी बदलावों पर अपने विचार साझा किए। ब्रजेश तोमर ने नव पत्रकारों से संस्कारों की बात की और पत्रकारिता में ज्ञान अर्जन करने पर जोर देते हुए कहा कि निरंतर सीखना ही पत्रकारिता है। 

राजू ग्वाल ने कहा, "आज डिजिटल युग में पत्रकारिता की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। हमें सोशल मीडिया और इंटरनेट की ताकत का सही उपयोग करते हुए जिम्मेदार पत्रकारिता करनी होगी।"

युवा पत्रकार कपिल मिश्रा ने नव पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि "जिस खबर को सभी और सही तथ्यों के साथ प्रकाशित करें, यदि किसी खबर में कोई शंका हो तो उस पर वरिष्ठ जनों से सलाह मांगने में न हिचकें।"

कार्यक्रम में कई पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए और पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला। युवा पत्रकार देवेन्द्र समधिया ने कहा, "आज के समय में पत्रकारों पर दबाव बढ़ गया है। चाहे वह राजनैतिक हो या व्यावसायिक, हमें इन दबावों के बावजूद सच को उजागर करने का प्रयास करना चाहिए।" वहीं जितेंद्र रघुवंशी ने सभी से एकजुट रहने की अपील की।

विचार गोष्ठी के दौरान उपस्थित पत्रकारों ने इस बात पर सहमति जताई कि आज की पत्रकारिता में पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और जनता के प्रति जवाबदेही सबसे महत्वपूर्ण है। पत्रकारिता को केवल खबर देने तक सीमित न रखते हुए, इसे समाज सुधार का माध्यम बनाने की बात पर जोर दिया गया। माफिया तत्वों के विरुद्ध लेखनी को धारदार करने की बात भी की गई।

कार्यक्रम के दौरान पत्रकार साथियों सत्यम पाठक, वीरेंद्र भुलले, अनुपम शुक्ल, बाल कृष्ण शर्मा, ललित मुदगल, फरमान अली, शालू गोस्वामी, मनिका शर्मा, मनीष बंसल, लालू शर्मा, शूभ्रा शर्मा, वीरेंद्र चौहान, दारा मोहम्मद, आरती जैन ने भी अपने विचारों से सभी को अवगत कराया।

कार्यक्रम का संचालन विजय चौकसे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार पूनम पुरोहित ने दिया। उन्होंने सभी उपस्थित पत्रकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह कार्यक्रम न केवल आपसी सहयोग और संवाद को बढ़ावा देता है, बल्कि हमें एक नई ऊर्जा और दिशा भी देता है।"

इस आयोजन ने जिले के पत्रकारों को एक मंच पर लाकर उनकी एकजुटता को मजबूत किया। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे सत्य और निष्पक्षता के पथ पर चलते हुए पत्रकारिता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। कार्यक्रम का समापन सामूहिक जलपान के साथ हुआ।

कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों में विजय विंदास, लक्ष्मण रावत, नासिर खान, नेपाल बघेल, विकास दंडोतिया, शादिक खान, अर्जुन रावत, चाँद खान, मनीकान्त शर्मा, नरेंद्र मोर्य, महेंद्र सिकरवार, आदर्श परिहार, काजल सिकरवार, अनिल कुशवाह, शेखर यादव, विनोद विकट, दिनेश चौधरी, अर्शद अली, पवन भार्गव, अनिल श्रीधर, युसुफ खान, मोनु नामदेव, मुकेश शिवहरे, अनुराग कतरे, किरण कुमार शर्मा, शौकीन अहमद, नरेश कुशवाह, भानु प्रताप यादव, नीरज अवस्थी, प्रिंस प्रजपति, पंकज ओझा, अंकित शाक्य, धर्मेन्द्र जाटव, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, अखिलेश वर्मा, सुनील नगेले, जेदी खान आदि उपस्थित थे।

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