शिवपुरी - कोलारस नगर में 110 वर्षीय महिला के निधन के बाद उसके बेटों ने डीजे ढोल ताशों के साथ मां की अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में आगे डीजे पर
"एक डोली चली एक अर्थी उठी" गाने को बजाया जा रहा था।वहीँ साथ ही ढोल ताशे भी बज रहे थे। अंतिम यात्रा में बीच बीच आतिशबाजी भी की जा रही थी। अर्थी के साथ परिवार के लोग पीछे चल रहे थे। लेकिन ऐसी अनोखी अंतिम यात्रा को देख लोग हैरान भी हो रहे थे।
जानकारी के मुताबिक़ कोलारस कस्बे की जेल कालोनी की रहने बाली 110 वर्षीय बुजुर्ग महिला बमरी बाई कुशवाह का सोमवार की रात 11 बजे निधन हो गया था। इसके बाद परिजनों द्वारा अंतिम यात्रा डीजे ढोल ताशे और आतिशबाजी चलाते हुए निकाली गई थी। भमरी बाई के पति की मौत कई साल पहले ही हो चुकी थी। वह उसके दो बेटे लखन कुशवाह और लक्ष्मण कुशवाह के साथ रह रही थी।
मां की इक्छा थी ख़ुशी-ख़ुशी करना अंतिम विदाई -
शतायु पूरी कर चुकी बमरी बाई कुशवाह के बेटों ने बताया कि कुछ साल पहले उनकी मां ने अपनी शतायु पूरी होने की बात कहते हुए कहा था कि जब भी उनकी मृत्यु हो उस दिन परिवार का कोई भी सदस्य न रोएगा और ना ही विलाप करेगा। जब भी वह घर से अंतिम बार निकले उन्हें परिवार के सभी सदस्य ख़ुशी ख़ुशी विदा करें। इसी क्रम में जब आज बमरी बाई कुशवाह का निधन हुआ। तो उनके दोनों बेटों ने डीजे ढोल ताशे के साथ अपनी मां की अंतिम यात्रा निकाली। कस्बे में करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर यह अंतिम यात्रा घर से मुक्ति धाम पहुंची। तदुपरांत अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया।