भेष बदलकर छुपे थे वृंदावन में, बाप-बेटे को किया गिरफ्तार, सहकारी बैंक घोटाले में सहआरोपी

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शिवपुरी। शिवपुरी के कोऑपरेटिव बैंक में हुए 80.56 करोड़ रु के घोटाले में मुख्य घोटालेबाज बैंक के चपरासी राकेश पाराशर के भाई मुकेश पाराशर और बेटा गगन को कोलारस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोलारस पुलिस टीम ने वृंदावन से दोनों को पकड़ा है। दोनों ही बैंक गबन के मामले में तीन साल से फरार चल रहे थे। बैंक गबन की विवेचना में जो लोग शामिल हैं उन सभी को सहआरोपी बनाकर पुलिस धीरे-धीरे गिरफ्तार करेगी।


जानकारी के मुताबिक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी की कोलारस बैंक शाखा से 80.56 करोड़ के गबन मामले में पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। वृंदावन की बसेरा कॉलोनी से राकेश के भाई मुकेश पराशर और बेटे गगन पाराशर को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस टीम दबिश देने पहुंची तो दोनों यहां भेष बदलकर रह रहे थे। मुकेश पाराशर और राकेश पाराशर को पुलिस गिरफ्तार कर कोलारस ले आई है। बता दें कि कोलारस थाने में भादवि की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) क, 13 (1) ख के तहत अपराध पंजीबद्ध है। दोनों को इन्हीं अपराध में गिरफ्तार किया है।

दोनो के खाते मे 5 करोड़ रुपए पहुंचे

बैंक गबन मामले में साल 2020-21 में मुकेश पाराशर के खाते में कोऑपरेटिव बैंक अकाउंट से 3.5 करोड़ जारी हुए थे। मुकेश के खाते से 1.50 करोड़ रु. नौकर रवि रजक के खाते में पहुंचे। फिर रवि रजक के खाते से 10 लाख रु. का ट्रांजेक्शन गगन पाराशर के खाते में हुआ था। यानी दोनों ही चाचा-भतीजे कोऑपरेटिव बैंक के पैसों के गबन की साजिश में शामिल होने पर अपराधी बने हैं।

दोनों को वृंदावन से गिरफ्तार किया है

कोऑपरेटिव बैंक शाखा कोलारस से हुए गबन छानबीन में मुकेश पाराशर और गगन पाराशर के खाते में ट्रांजेक्शन हुआ है। दोनों को वृंदावन से गिरफ्तार किया है। दोनों ही भेष बदलकर रह रहे थे। धीरे-धीरे अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करेंगे। 
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